Shrikant Jichkar biography in hindi , भारत का सबसे शिक्षित ब्यक्ति 20 डिग्रियाँ

डॉ. श्रीकांत जिचकर की जीवनी,भारत का सबसे शिक्षित ब्यक्ति
Shrikant Jichkar
Shrikant Jichkar



''असम्भव" एक बहुत ही छोटा शब्द है, हमारे जीवन में कई बार कुछ ऐसे कार्य आते रहते है जिसे हमसब करने से पहले एक ही बात बोलते है ''असम्भव" और कार्य  को वही बिच में छोड़ देते है, लेकिन दुनिया में ऐसे बहुत से इंसान पैदा हुए है जिनकी डिक्सेनरी में असम्भव जैसे कोई शब्द ही नहीं थे, कुछ बड़ा करने के लिए बड़ा सोचना भी पड़ता है, एक छोटे से जीवन में एक सामान्य ब्यक्ति कितना सोच सकता, क्या क्या कर सकता है, कितनी डिग्रियाँ हांसिल कर सकता, इसका सामान्य सा उत्तेर है, पोस्टग्रेजुएट, पीएचडी, या कोई एक दो और आप किस किस पोस्ट पर प्रोफेशनल जॉब कर सकते, हम में से ज्यादातर लोगों का सपना होता  है डॉक्टर बने, वकील बने, आईपीएस, आईएएस बने राजनेता, पत्रकार और अभिनेता बनने का होता है। लेकिन कई लोग इस सपने को पूरा भी नहीं कर पाते आप यही सोच रहे ना की मैं ऐसा क्यों बोल रहा, 

आधुनिक टेक्नोलॉजी के युग में: आज हमसभी एक आधुनिक टेक्नोलॉजी के युग में है जहा हमें हर तरह की सुविधाएँ भी मिल रही आज हमारे पास फ़ोन, टेबलेट, लेपटॉप, कंप्यूटर, और इंटरनेट जैसी सुविधाएँ मौजूद होने के बावजूद भी कई बार मुकाम हांसिल करने में पीछे रह जाते है, लेकिन कोई इनके बिना भी अद्भुत, अकल्पनीय, अविश्वसनीय, महानतम उचाईयों को हांसिल किया। 

क्योंकी कोई ऐसा था जिसने इन सारी डिग्रियों को अकेले ही हांसिल किया था, 42 विश्वविद्यालय परीक्षाओं में बैठने के बाद 20  डिग्री प्राप्त किया, और 26 साल की उम्र में देश के सबसे कम उम्र के विधायक के रूप में निर्वाचीत हुए।

एक डॉक्टर रुप में, एक बैरिस्टर रुप में, आईपीएस रुप में, आईएएस रुप में, विधायक, १४ विभाग के मंत्री, शिक्षाविद, चित्रकार, पेशेवर फोटोग्राफर, मंच अभिनेता, पत्रकार, कुलपति, मोटिवेशनल स्पीकर, काब्य रचईता, संस्कृत - गणित ज्ञाता, इतिहासकार समाजशास्त्र और अर्थशास्त्री के रुप में भी जान सकते हैं। 

मैं बात कर रहा हूँ। 

डॉ. श्रीकांत जिचकर 1954 से 2004:- इनका जन्म 14 सितम्बर, 1954 को महाराष्ट्र के नागपुर, जिले के सम्पन किसान परिवार में हुआ था, इनकी पत्नी का नाम राजश्री जिचकर था।

डॉ. श्रीकांत जिचकर भारत के सबसे अधिक पढ़े लिखे ब्यक्ति थे। 20 डिग्री, 42 विश्वविद्यालय की परीक्षाएं दिए थे और सभी में सफल हुए थे, कई डिग्रियाँ तो इनको इसलिए नहीं मिल पाई की क्युकी उच्च शिक्षा के नियम के ना होने का हवाला दिया गया जबकी उन डिग्रियों की परीक्षा दे चुके थे। ज्यादातर डिग्रियाँ प्रथम श्रेणी से उत्रिण किये थे। कई डिग्रियों में स्वर्ण पदक (गोल्ड मेडलिस्ट) प्राप्त किये थे। 

शिक्षा माध्यम: रेगुलर एवं पत्राचार के माध्यम से डिग्रियाँ हांसिल किए थे। 

इनकी प्रथम डिग्री एमबीबीएस (MBBS) की थी,

प्राप्त किये हुए डिग्रियाँ 
MBBS - Medical
MD - Medical
L.L.B - Law
L.L.M - International Law
DBM - Business Administration - MBA - Business Administration
M.A. - Public Administration
M.A. - Sociology
M.A. - Economics
M.A. - Sanskrit
M.A. - History
M.A. - English Literature
M.A. - Philosophy
M.A. - Political Science)
M.A. - Psychology
M.A. - Culture and Archaeology - Ancient Indian History
Bachelors in Journalism पत्रकार 
D. Litt. (Sanskrit) संस्कृत  की उपाधि 
IPS
IAS

डॉक्टर श्रीकांत जिचकर का नाम लिमका बुक ऑफ रिकार्डस में भारत के सबसे योग्य शिक्षित व्यक्ति के रूप में दर्ज है जिसका रिकार्ड आज तक कोई नहीं तोड़ पाया।

डॉ. श्रीकांत जिचकर 1978 बैच के आईपीएस अधिकारी होने के बाद पद से इस्तीफा दे दिया, इनको महाराष्ट्र में प्रशासनिक हलके के सुधार के लिए भी जाना जाता है। 

इसके बाद उन्होंने 1980 बैच के आईएएस के लिए चुने गए। लेकिन उनका मन यहां भी नहीं लगा और उन्होंने चार महीने बाद पद से इस्तीफा कर दिया। 
1992 में नागपुर में सांदीपनी स्कूल की स्थापना, और  नागपुर में कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना की जिसके पहले कुलपति थे, उनका पुस्तकालय भारत का सबसे बड़ा पुस्तकालय था जिसमें 52000 के लगभग पुस्तकें थीं।
1973 से 1990 तक यूनिवर्सिटी की परीक्षा दिए,

आईएएस से इस्तीफा देने के बाद 1980 में 26 साल की उम्र में देश के सबसे कम उम्र के विधायक के रूप में निर्वाचीत हुए 1980 से 1986,

1986 से 1992 तक एमएलसी सांसद रहे, और 1992 से 1998 तक राज्यसभा सदस्य निर्वाचित हुए 

महाराष्ट्र सरकार में 14 पोर्टफोलियो सभालने का दात्यिव मिला एवं विभाग के मंत्री बने ,

2 जून 2004 को, 49 वर्ष की आयु में एक कार दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई, सम्पूर्ण ज्ञान को अर्जित करके अल्प आयु में परलोक शिधार गए ऐसे महाँपुरुष युगो - युगो कभी कोई एक जन्म लेता। 
 ऐसे महा पुरुष को मेरा सात सात नमन 🙏🙏


डॉ. श्रीकांत जिचकर जी के जीवन से उनकी लगन मेहनत और कम समय में कैसे सब कुछ हांसिल किया, समाज एवं युवाओं को एक नई दिशा प्रदान करते हुए मार्ग दर्शक हो सकता लेकिन यह दुर्भाग्य की बात है की इनको कोई जानता भी नहीं है जब की डॉ. श्रीकांत जिचकर जी युवाओं के रोलमॉडल बन सकते है। 

मैं आशा करता हूँ मैं अपने ब्लॉक के माध्यम से इस ज्ञानी पुरुष को जन - जन तक पहुँचाने का कोशिश कर रहा हूँ जिसमें आप सभी के सहयोग की जरुरत है। 

26 Comments

  1. असंभव को संभव करने वाले डॉ श्रीकांत जिचकर जी को हृदय की गहराइयों से शत शत नमन करता हूं

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  2. Intelligent man, great man ,

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  3. Haunsala badhaye jane ke liye aap sabhi ka bahut bahut aabhar

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  4. Haunsala badhaye jane ke liye aap sabhi ka bahut bahut aabhar

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  5. Haunsala badhaye jane ke liye aap sabhi ka bahut bahut aabhar

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