Abraham Lincoln Biography hindi अब्राहम लिंकन जीवनी

अब्राहम थॉमस लिंकन जीवन परिचय, सामाजिक और राष्ट्रीय सुधार 




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Abraham Lincoln

विवरण: समय समय पर संसार में कुछ महान ब्यक्तित्व का जन्म हुआ, इन महान पुरुषों में से आज मैं एक महान पुरुष के लिए दो शब्द लिख रहा इस कामना से की आप सभी का सहयोग मिलता रहे।  यह उस महापुरुष की जीवनी है - जिनके विचार ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाया और दुनिया की सोच और सोचने का नजरिया बदल कर रख दिया, गरीबी लाचारी संघर्षो भरा जीवन, जिसने एक घर के लिए दर -दर की ठोकरें खाई, संघर्षो और कठिनाइयों से जूझने के बाद भी एक महानतम ऊंचाई पर पहुँचना, राष्ट्र की एकता के लिए दास्ता से मुक्ति दिलाने केलिए अपने प्राणों का बलिदान कर देना ऐसे महान शख्स जिसने समाज को एक प्रेरणा प्रदान किया, जीवन में सांसारिक सुखो के आभाव के बाद भी कैसे जीवन का मुकाम हांसिल किया जाता है, आने वाली पीढ़ियों के लिए हमेशा मार्गदर्शन का काम करेगी, इनके जीवन की शिक्षा से निराशा भरे जीवन में आशा की किरण और सकारात्मक सोच प्रदान करती है। 

मैं बात कर रहा अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति प्रथम रिपब्लिकन अब्राहम लिंकन का। संयुक्त राज्य अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति कार्य काल 4 मार्च 1861 - 15 अप्रैल 1865

 जन्म एवं मृत्यु: अब्राहम लिंकन जन्म 12 फरवरी 1809 में मृत्यु:- 15 अप्रैल 1865  

परिवारिक परिचय: जन्म एक गरीब अश्वेत परिवार में हुआ था। इनके पिता थॉमस लिंकन - माता नेन्सी हैंक्स, जन्म केंटुकी अमेरिका, पत्नी-मैरी टॉड लिंकन, बच्चे - रॉबर्ट टॉड लिंकन, विलियम वालेस लिंकन, एडवर्ड बेकर लिंकन, टैड लिंकन

अमेरिका के सबसे महानतम नायको में से एक थे, इनको देखने का नजरिया कई तरह का हो सकता कट्टर राष्ट्रभक्त, समाज सुधारक एवं मानव जीवन को मानव की दास्ता से आजादी इन सभी का श्रेय जाता है, अमेरिका के राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन को आगे इनका विस्तार विश्लेषण करुगाँ। 

अब्राहम लिंकन संघर्ष: अब्राहम लिंकन का का प्रारम्भिक जीवन कठिनाई भरा था उनके पिता गरीब थे कठिन परिश्रम के बावजूद परिवार का भरण पोषड़ ठीक से नहीं हो पाता था उनके के माता की मृत्यु के बाद उनके पिता ने दूसरी विवाह किया और फिर पिता से धीरे - धीरे दूर होगये उनकी पढ़ाई छूट गई पर वो पढ़ना नहीं छोड़े एक तरह से शुरुआती शिक्षा घुमन्तु भरा रहा, सच्ची लगन, दृढ संकल्प, लक्ष्य प्राप्ति और महत्वाकांक्षी थे। 

ब्यवसाय: वकालत, आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण  उनका शिक्षा कार्य कुछ समय के लिए रुक गया इसके बावजूद भी उन्हें अपनी पढ़ाई को पूरा किया और वकालत की पढ़ाई पूरी की,

मजबूत इच्छा सकती हार ना मानना: पहली बार विधायक का चुनाव, दुसरी बार स्पीकर पद, इलेक्टर और दो बार सीनेट चुनाव में हार का सामना किये, लगातार चुनावों में हार के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी, दृढ संकल्प के साथ लगे रहे और अब्राहम लिंकन ने सफलता का स्वाद चखा इलिअन्स स्टेट के विधायक लेजिस्लेटर, अमेरिका के हाउस ऑफ् रिप्रेस्न्टेटिव्स के सदस्य बने और 4 मार्च 1861 अमेरिका के सबसे पुराने लोकतंत्र के राष्ट्रपति बने। 

समाज सुधारक एवं दास प्रथा से मुक्ति: अब्राहम लिंकन दयालु स्वाभाव, कोमल ह्रदय के होने के कारण कुछ घटनाएं अब्राहम लिंकन को बहुत प्रभावित की थी, जिनके उत्थान के लिए वो हमेसा संघर्षरत रहे, दासों के साथ हो रहे अत्याचार से उनको मुक्ति दिलाने और उनका मानना था दास प्रथा मानव समाज के लिए अभिश्राप है। 

दक्षिण अमेरिका में अफ्रीका से लाये गए अफ़्रीकी मूल के लोगो का नीग्रो लोगों को जंजीरों से जकडकर रखा जाता था  एवं कोडों से पिटते तथा गुलाम बनाई गई महिलाओं और पुरषों को जबरन बेच दिया जाता था।  गुलाम लोगों के पास कोई मानव अधिकार नहीं थे, उन्हें मानव समझा ही नहीं जाता था, उनको बाज़ार में बिक रहे वस्तुओं की तरह खरीदा और बेचा जाता था।

बड़े बड़े जंजीरो से जकड़कर उनका चौराहों पर प्रदर्शनी लगाई जाती थी एक मानव दूसरे मानव को जानवरों की तरह ब्यवहार करता था, खेती के काम और कठोर कार्य लिए जाते थे दक्षिणी अमेरिकी इनको पैसा कमाने का जरिया मानते थे। दक्षिण अमेरीकियों का मानना था की दास उनके जीवन के आधार है। दक्षिण अमेरिका के दास मालिकों ने दास प्रथा खत्म ना हो इसके लिए ऐसे ऐसे तर्क दिये, दक्षिण के लोगों ने इसे पवित्र जीवन और समाज का आधार बताया, दासो की सुरक्षा करना और इनके ऊपर उनका प्रभुत्व रखना दक्षिण के लोगों का अधिकार है जो की न्यायोचित है। 

उत्तर अमेरिकीय दास प्रथा के विरुद्ध थे उनका कहना था की दास प्रथा अपने निजी सोच के लिए स्वार्थ पूर्ति का तरीका है. यह भगवान के विधान के खिलाफ है,  दक्षिण के लोगो का मत था की दासता ख़त्म करना हमारे विरुद्ध तथा दक्षिण की प्रगति को रोकने वाला बताकर विरोध करते थे।

कहा जाता है की जब गृह युद्ध आरम्भ हुआ और उत्तर की जनता और सैनिक जब वहाँ पहुंचे तो उन्होंने आश्चर्य चकित करने वाला नजारा देखा जिसके दासता के मुक्ति के लिए संघर्ष कर रहे हैं, वही उनके सामने हथियार ले कर युद्ध करने के लिए खड़े है 

अमेरिका के स्वतंत्रता संग्राम में सभी अमेरिकी राज्यों ने मिलकर ब्रिटिश उपनिवेशवाद के खिलाफ संघर्ष किया था और स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात अमेरिका एक स्वतंत्र राष्ट्र के रुप में विश्व का पहला लिखित संविधान बनाकर संघीय शासन प्रणाली की स्थापना की, 

अमेरिकी गृहयुद्ध 12 अप्रैल1861 से 1865: इस गृहयुद्ध में अब्राहम लिंकन अमेरिका की अखंडता के लिए और दासता के मुक्ति के लिए जाने जाते है। अब्राहम लिंकन ने कहा की अमेरिका एक अखण्ड राष्ट्र संध जिसे कोई अलग नहीं कर सकता अमेरिकी सविधान निर्माताओं ने सविधान के ढांचे में किसी राज्य के लिए राष्ट्र से अलग होने का कोई प्राविधान नहीं है। मुझे देश की अखण्डता बनाए रखने के लिए किसी भी सीमा तक जा सकता हूँ। यह गृह युद्ध 1860 के दशक में अमेरिकी संधीय राज्यों के उत्तरीय एवं दक्षिणी राज्यों के बीच गृह-युद्ध छिड़ गया जो 1865 में समाप्त हुआ।

इस गृहयुद्ध में उत्तरी राज्य की जनता अमेरिका की संघीय ढांचे की एकता और अखण्डता बनाए रखने के पछधर थी और पूरे देश से दास प्रथा ख़तम करने के पछधर थे । अमेरिकी इतिहास में इस पक्ष को औपचारिक रूप से यूनियनसंघ कहा जाता है। 

दूसरी तरफ दक्षिण के राज्य थे जो खुद को अमेरिकी संध से अलग होकर 'परिसंघीय राज्य अमेरिका'  ''कन्फ़ेडरेट स्टेट्स ऑफ़ अमॅरिका'' नाम से एक अलग देश बनाने के लिए अमेरिकी यूनियन संध से खुद अलग कर लिए। उनके अलग होने के निम्नलिखित तर्क थे, अफ्रीकी मूल काले लोगों को गुलाम बनाकर ख़रीदने-बेचने का अधिकार के लिए। दक्षिणी की जनता को औपचारिक रुप से 'कन्फ़ेडरेसी' (Confederacy) यानि परिसंघीय और अनौपचारिक रुप से 'रेबेल' (Rebel, रॅबॅल, यानि विद्रोही  कहा जाता है। दक्षिणी राज्यों द्वारा अमेरिकी यूनियन संघ से अलग हो जाने के कारण अब्राहम लिंकन के लिए महत्वपूर्ण संवैधानिक प्रश्न खड़ा हो गया था, जिसकी अखण्डता बनाने की चुनौती खड़ी हो गई थी, सबसे बड़ा संकट था अमेरिकी एकता को बनाते हुए अखण्ड रखने का अब्राहम लिंकन के कुटनीतक प्रयासों के परिणाम स्वरूप उत्तरी राज्य विजयके साथ ही युद्ध समाप्त हुआ 

युद्ध के परिणाम: अमेरिका से दास प्रथा की सम्पूर्ण समाप्ति, और उनको दासता के बंधन से स्वतंत्र कर दिया गया और उन्हें अमेरिकी संविधान में मतदान का अधिकार दिया गया। इस युद्ध के परिणाम स्वरुप अमेरिका में रंग भेद की समस्या खड़ी हुई जो अभी भी देखने को मिलती है और दक्षिण के राज्य परिसंघ को अमेरिकी संविधान में मिला लिया गया। अमेरिका की एकता को अखण्ड रखने के इस युद्ध में 6 लाख से अधिक अमेरिकी सैनिक और जनता मारी गई 

अमेरिकी कांग्रेस (संसद) 13 वां संविधान का संसोधन करके दासों को स्वतंत्रता पर क़ानूनी मोहर लगा दिए। 

अब्राहम लिंकन मृत्यु: अब्राहम लिंकन को 14 अप्रैल 1865 को गोली लगी और मृत्यु 15 अप्रैल 1865 वाशिंगटन के ‘फोर्ड थियटर’ में उस वक्त गोली मारी गई थी, जब वो नाटक देख रहे थे, जाने माने रंगमंच कर्मी जॉन वाइक्स बूथ ने मारी थी गोली जॉन वाइक्स बूथ दास प्रथा के पछ से प्रभावित थे। 

इस तरह समाज सुधारक अब्राहम लिंकन देश को अखण्ड रखने में अपने प्राणों की आहुति देदी। 

अनमोल विचार:

अब्राहम लिंकन का कहना था की दुश्मन को मित्र बना लो दुश्मन और दुश्मनी स्वतः ख़तम हो जायेगी,

राष्ट्रपति बनने के बाद उनके एक मित्र ने कहा की अब तुम अपने विरोधियों को चुन चुन के ख़तम कर सकते हो, तो अब्राहम ने कहा की है वही तो कर रहा उनको मित्र बना कर। तब उनके मित्र ने कहा की तब अच्छा है, अब्राहम लिंकन आप समझे नहीं सब मित्र होंगे तो दुश्मन कहा रह जायेगें। 

मित्र वही है जिसका शत्रु  वही हो जो आपका भी शत्रु हो।

जब मैं कुछ अच्छा करता हूँ तो अच्छा महसूस करता हूँ, जब मैं बुरा करता हूँ तो बुरा महसूस करता हूँ, यही मेरा धर्म है'' 

कोई भी इतना काबिल नहीं हो सकता कि वो किसी पर उसकी इच्छा के विरुद्ध हुकूमत कर सके 

प्रजातंत्र लोगों की, लोगों के द्वारा और लोगों के लिए बनायी गयी सरकार है।

9 Comments

  1. great determination, good president

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  2. इस हिस्ट्री पढ़ने के बाद सफलता प्राप्त करने का आत्म विश्वास बढ़ जाता है

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  3. काफी अच्छी जानकारी पोस्ट करने का प्रयास किया है आपने

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